UGC sociology important point
यूजीसी समाजशास्त्र के प्रमुख बिन्दु
प्रिय विद्यार्थी हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको समाजशास्त्र से जुड़े हुए इंपॉर्टेंट पॉइंट आप तक पहुंचा रहे हैं चाहे आप यूजीसी नेट(ugc net) की तैयारी कर रहे हो, यूपीएससी (upsc) की तैयारी कर रहे हो, 12वी में हो, या सामान्य स्तर पर समाजशास्त्र को पढ़ना चाहते हैं तो इस पोस्ट के माध्यम से आपको समाजशास्त्र संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु मिलेंगे। इसके साथ ही साथ इस साइट के माध्यम से अलग-अलग प्रकार के नोट्स उपलब्ध है।
• इमाइल दुखीम (1858-1917) भी फ्रांस के समाजशास्त्री थे और ऑगस्ट काटे के उत्तराधिकारी समझे जाते थे। वे प्रत्यक्षवाद और विज्ञानवाद में विश्वास रखते थे। दुर्खीम की प्रमुख रचनाएं
1. डिवीजन ऑफ लेबर इन सोसाइटी,
2. दि रूल्स ऑफ सोसियोलॉजिकल मेथड,
3. स्यूसाइड,
4. दि ऐलीमेन्टरी फॉर्म्स ऑफ रिलीजियस लाइफ,
5. एजुकेशन एण्ड सोश्यॉलाजी,
6. सोसियोलॉजी एण्ड फिलॉसफी,
7. प्रोफेशनल एथिक्स एण्ड सिविक मॉरल्स,
8. प्रिंगमेटिज्म एण्ड सोसियोलॉजी ।
• समाजशास्त्र में दुखम के योगदान हैं :
1. पद्धतिशास्त्र,
2. समाज में श्रम विभाजन,
3. आत्महत्या का सिद्धान्त,
4. धर्म का सिद्धान्त,
5. सामूहिक प्रतिनिधान की अवधारणा, और
6. सामाजिक तथ्य की अवधारणा।
• मैक्स वेबर (1864-1920) जर्मन समाजशास्त्री थे तथा समाजशास्त्र को सामाजिक क्रियाओं और अन्तःक्रियाओं का विज्ञान मानते थे। इनकी प्रमुख रचनाएं इस प्रकार हैं :
1. दि प्रोटेस्टैण्ट एथिक एण्ड दि स्पिरीट ऑफ कैपिटलिज्म,
2. दि रिलीजन ऑफ इण्डिया,
3. दि थ्योरी ऑफ सोशल एण्ड इकोनॉमिक आर्गनाइजेशन,
4. दि सिटी,
5. एसेज इन सोशियोलॉजी,
6. दि मैथेडोलॉजी ऑफ सोशल साइन्सेज ।
• मैक्स वेबर ने समाजशास्त्र में निम्न सिद्धान्त दिए :
1. सामाजिक क्रिया का सिद्धान्त,
2. नौकरशाह का आदर्श-प्रारूप,
3. धर्म और पूंजीवाद का सिद्धान्त ।
• ऑगस्त काटे (1798-1857) ने 1838 में “सामाजिक भौतिकशास्त्र" का नाम बदलकर "समाजशास्त्र " रखा। इसी कारण उन्हें समाजशास्त्र का जनक कहा जाता है। वे मूलतः फ्रांस के दार्शनिक थे। उनकी प्रमुख रचनाएं इस प्रकार हैं :
1. प्रॉस्पेक्टस ऑफ दि साइन्टिफिक वर्क रिक्वायर्ड फॉर दि आर्गेनाइजेशन ऑफ सोसाइटी,
2. पॉजिटिव फिलॉसफी,
3. सिस्टम ऑफ पॉजिटिव पॉलिटी,
4. रिलिजन ऑफ ह्यूमेनिटी ।
• काम्टे ने समाजशास्त्र में निम्न योगदान दिए :
1. चिन्तन की तीन अवस्थाओं का नियम,
2. सामाजिक विज्ञानों का वर्गीकरण और उसका पदानुक्रम,
3. समाजशास्त्र : एक नवीन विज्ञान,
4. सामाजिक पुनर्गठन
• काम्टे द्वारा प्रतिपादित विज्ञानों का संचरणात्मक क्रम इस प्रकार है :
1. गणित,
2. खगोलशास्त्र,
3. भौतिकशास्त्र,
4. रसायनशास्त्र,
5. प्राणिशास्त्र,
6. समाजशास्त्र।
उन्होंने समाजशास्त्र को सामाजिक व्यवस्था और प्रगति का विज्ञान कहा।
• कार्ल मार्क्स (1818-1883) एक जर्मन समाजशास्त्री थे जो अपनी क्रान्तिकारी
विचारधारा के लिए विख्यात हैं। इनकी प्रमुख रचनाएं इस प्रकार हैं :
1. जर्मन आइडियोलॉजी,
2. दि होली फैमिली,
3. दि पावर्टी ऑफ फिलॉसफी,
4. प्री-कैपिटल इकानॉमिक फार्मेशन,
5. दि कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो,
6. दि फर्स्ट इण्डियन बार ऑफ इण्डिपेन्डेन्स,
7. कैपिटल-ए क्रिटिक ऑफ पॉलिटिकल इकोनॉमी,
8. दास कैपिटल ।
• मार्क्स के प्रमुख सिद्धान्तों में द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद, वर्ग एवं वर्ग संघर्ष, इतिहास की भौतिकवादी व्याख्या, अतिरिक्त मूल्य का सिद्धान्त, सामाजिक परिवर्तन का सिद्धान्त, अलगाव का सिद्धान्त आदि प्रमुख हैं।
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• प्रत्यक्षवाद (पॉजिटिविज्म) तीन स्तरों का नियम -ऑगस्ट काण्टे
• समाज का सावयवी सिद्धान्त - हरबर्ट स्पेन्सर
• सामूहिक प्रतिनिधान, सामूहिक चेतना, श्रम विभाजन, यान्त्रिक एकता एवं सावयवी एकता, सामाजिक तथ्य, आत्महत्या - दुर्खीम
• सत्ता, नौकरशाही, सामाजिक क्रिया, अवबोधात्मक समाजशास्त्र धर्म का समाजशास्त्र। मैक्स वेबर
• आर्थिक निर्धारणवाद, वर्ग संघर्ष का सिद्धान्त, अतिरिक्त मूल्य का सिद्धान्त, इतिहास की भौतिक व्याख्या, अलगाव का सिद्धान्त, द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद। -मार्क्स
• प्रौद्योगिक विलम्बना, सीमावर्ती समुदाय -मैकाइवर एवं पेज
• पैटर्न वेरियेवल्स, सामाजिक क्रिया प्रकार्यवाद, व्यवस्था विश्लेषण - पारसन्स
• समाजशास्त्र का स्वरूपात्मक सम्प्रदाय। सिमैल, वानविज एवं वीरकान्त
● जैमिनशाफ्ट एवं जेसे शाफ्ट -टानीज
• सामाजिक परिवर्तन का सांस्कृतिक सिद्धान्त, भावनात्मक चेतनात्मक एवं आदर्शात्मक संस्कृति - सोरोकिन
• सन्दर्भ समूह, माध्यमिक अभिसीमा सिद्धान्त, प्रकार्यवाद प्रकार्य, अकार्य, प्रकट और अप्रकट प्रकार्य -आर. के. मर्टन
• श्वेतवसन अपराध अपराध का विभिन्न संगतियों का सिद्धान्त
-सदरलैण्ड
• अर्थशास्त्र का संस्थापक सिद्धान्त, मूल्यों की संरचना, महाविज्ञान
-राधाकमल मुकर्जी
•गति की उत्पत्ति का प्रजातीय सिद्धान्त -डॉ. घुरिये, रिजले
• प्रभुजाति, संस्कृतिकरण, ब्राह्मणीकरण, पश्चिमीकरण, लौकिकीकरण
- एन. एन. श्रीनिवास
• सामाजिक समझौते का सिद्धान्त हब्स, लॉक एवं रूमी
• समाजशास्त्र का समन्वयात्मक सम्प्रदाय - सोरोकिन, दुर्खीम, हाबहाउस एवं गिन्सबर्ग
• अन्तःसमूह एवं बाह्य समूह, जनरीतियां -समनर
• अपराध का प्रारूपवादी सम्प्रदाय -लोम्ब्रोसो
• अपराध का अनुकरण का सिद्धान्त। गैबरियल टार्डे
• चक्रीय परिवर्तन -स्पेंगलर एवं टायनबी
• रेखीय परिवर्तन। काम्टे मार्गन, स्पेन्सर
• लघु समुदाय, कृषक समाज, लोक संस्कृति, लघु एवं वृहद परम्पराएं ग्राम नगर सातत्य। राबर्ट रेडफील्ड
• समानता की चेतना। गिर्डिंग्स
• स्थानीयकरण एवं सार्वभौमिकरण, स्थानीयकरण। मैकिम मेरियट
• परिवार की उत्पत्ति का शास्त्रीय सिद्धान्त प्लेटो, अरस्तू, हेनरीमेन
• परिवार एवं विवाह की उत्पत्ति का यौन साम्यवाद का सिद्धान्त। मार्गन, फ्रेजर, ब्रिफाल्ट
• एक विवाह का सिद्धान्त - वेस्टरमार्क
• मातृसत्तात्मक सिद्धान्त -ब्रिफाल्ट, बेकोफन
• उद्विकासीय सिद्धान्त। -मार्गन
• आत्मावाद या जीववाद। टायलर
• मानावाद या जीवसत्तावाद -कॉडरिंगटन एवं मैरिट
• धर्म की उत्पत्ति का प्रकृतिवादी सिद्धान्त - मैक्समूलर
•धर्म की उत्पत्ति का सामाजिक या टोटमवादी सिद्धान्त -इमाइल दुर्खीम
• सहानुभूति जादू, अनुकरणात्मक जादू, सांसर्गिक जादू - जेम्स फ्रेजर
• मौलिक मानवतावाद (रैडिकल ह्यूमनिज्म) - एम. एन. राय
•तार्किक एवं अतार्किक क्रियाओं का सिद्धान्त, अवशेषों (विशिष्ट चालकों) की अवधारणा, भ्रान्त तर्क की अवधारणा, अभिजात वर्ग का परिभ्रमण की अवधारणा अभिजन का संचार - अलफ्रेडो पैरेटो
• नगरवाद -लुईस वर्ष
• आत्मदर्पण दर्शन सिद्धान्त -कूले
• सामान्यीकृत अन्य मीड
• स्तरीकरण का प्रकार्यात्मक सिद्धान्त - पारसन्स, डेविस एवं मूर
• सन्दर्भ समूह — हर्बर्ट हाइमैन
• सत्ता-अभिजन - सी. राइट मिल्स
• कुलीनतन्त्र का लौह नियम। रॉबर्ट माइकल
• हरिजन इलीट — सच्चिदानन्द
• जाति की उत्पत्ति का वर्ण का सिद्धान्त -गॉल थेरेजमीज
• दायभाग के प्रवर्तक - जीमूतवाहन
• मिताक्षरा संहिता -विज्ञानेश्वर
• प्रौद्योगिक निर्धारणवाद - वेब्लिन
• सांस्कृतिक रूप का सिद्धान्त -ओपलर
• संरूपणात्मक दृष्टिकोण - राल्फ लिंटन, बेनेडिक्ट
• उत्तर औद्योगिक समाज -एलेन टोरेन, ब्रेजेन्सिस्की, रेमण्ड ऐरो
• बन्धुता बीजगणित, कुला व्यापार चक्र - मेलिनोवस्की
• आभासी समूह -बोटोमोर
• समूह मन का सिद्धान्त - मैक्डूगल एवं ली बॉन
•अवरुद्ध चालकों की मुक्ति का सिद्धान्त -फ्रॉयड
•पारस्परिक उत्तेजना का सिद्धान्त - आलपोर्ट
•नातेदारी की श्रेणियां -मरडॉक
• सांस्कृतिक तत्व या इकाई, संस्कृति संकुल -बिसलर
• संस्कृति प्रतिमान -रूथ बेनेडिक्ट
•जीवन पथ के संस्कार -वान गेनप
•नवाचार -बानेट
•नव विकासवाद एवं संस्कृतिवाद बहुमार्गी उद्विकासवाद का सिद्धान्त —लेस्लि वाइट
• बहुमार्गी उद्विकासवाद का सिद्धांत - जूलियन स्टीवर्ट
• पंच परम्परा सूत्र - डॉ. एस. सी. दुबे
• सांस्कृतिक सापेक्षवाद -हर्षकोविट्स
•ऑफिस स्थिति संकुल तथा स्तर - किंग्सले डेविस
• मुख्य प्रस्थिति, मुख्य भूमिका -ई. टी. डिलर
•सामाजिक दूरी - बोगार्डस
• सापेक्ष वंचना -एस. ए. स्टाउफर
• विलासी वर्ग -वेब्लिन