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भोजन क्या है? इसका परिभाषा तथा इस का महत्त्व..

भोजन की परिभाषा

फूड डिक्शनरी के अनुसार, "वे पौष्टिक पदार्थ जो किसी जीव के शरीर में गृहीत व शोषित होकर उसकी वृद्धि का कार्य, टूट-फूट से मरम्मत और जीवित रहने की विभिन्न क्रियाओं को संचालित करता है।" प्रत्येक मनुष्य के लिए भोजन आवश्यक है। भोजन से वे जीवित रहते हैं तथा उनकी वृद्धि होती है। जो भोजन हम खाते हैं उससे हमें ऊर्जा प्राप्त होती है। यही ऊर्जा विभिन्न शारीरिक क्रियाओं जैसे चलना, दौड़ना, उठना, साँस लेना आदि के लिए आवश्यक है। इसी ऊर्जा से शरीर का विकास होता है। यदि हम भोजन नहीं करेंगे तो शरीर की वृद्धि नहीं होगी और शारीरिक क्रियाएँ नहीं हो सकेगी; अतः मनुष्य के लिए भोजन आवश्यक पदार्थ है।

  मनुष्य को ईश्वर ने संसार के समस्त प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ प्राणी बनाया है। उसे बुद्धि व विवेक दिया है ताकि वह उसका पूर्ण उपयोग कर सके। वह केवल पेट की भूख मिटाकर ही सन्तोष नहीं कर पाता, अपितु उसे इस बात पर भी विचार करना है कि उसका भोजन उसे उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करता है या नहीं। वह जो भी भोजन ग्रहण करता है वह सब उसके शरीर के विभिन्न अंगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है या नहीं। उसे इस बात का भी ज्ञान होना चाहिए कि उसका भोजन सही रूप से सन्तुलित व पौष्टिकता से परिपूर्ण है या नहीं। इसका अर्थ है कि इन सब बातों के ज्ञान के लिए उसे भोजन एवं पोषण विज्ञान सम्बन्धी सभी मदों का ज्ञान होना चाहिए ताकि वह अपना भोजन पौष्टिक व सन्तुलित बना सके।

सन्तुलित आहार में निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है 

1. उसमें उचित खाद्य पदार्थों का समावेश हो।

2. उसमें सभी पोषक तत्त्व उचित मात्रा में हों। 

3. उसमें सभी पोषक तत्त्व उचित अनुपात में हों।

4. ऊर्जा की उचित इकाइयाँ प्रदान करता हो।

5. आसानी से पाचन योग्य, रुचिकर, आकर्षक, सुगन्धित एवं स्वादिष्ट हो।

6. सामाजिक रीति-रिवाजों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हो।

7. मौसम एवं उपलब्धता को ध्यान में रखकर खाद्य पदार्थों का चयन किया जाए।

खाद्य पदार्थ एवं उनके स्त्रोत 

मनुष्य एवं सभी जीव-जन्तु अपने भोजन में विभिन्न प्रकार के पदार्थों को सम्मिलित करते हैं। सामान्य रूप से एक मनुष्य के प्रतिदिन के भोजन में गेहूँ, चावल, दाल, घी, नमक, जल, तेल आदि पदार्थ अवश्य सम्मिलित होते गेहूँ, चावल और दाल जैसे खाद्य पदार्थ हमें पेड़-पौधों से प्राप्त होते हैं। इनके अलावा कुछ अन्य पदार्थ; जैसे—दूध, अण्डा, मुर्गा, मछली, मांस आदि हमें जन्तुओं से प्राप्त होते हैं। खाद्य पदार्थों को उनके स्रोतों के आधार पर दो भागों में विभक्त किया जाता है। 

1. पादप-उत्पाद

2. जन्तु उत्पाद

1. पादप-उत्पाद जिन खाद्य पदार्थों के लिए मनुष्य पेड़-पौधों पर निर्भर करता है, पादप-उत्पाद कहलाते हैं। विभिन्न प्रकार के पादप-उत्पादों का उल्लेख निम्न प्रकार है

(i) फल फलों से विटामिन, खनिज लवण तथा शक्कर की प्राप्ति होती है। ये शरीर की वृद्धि में सहायक होते हैं। फल सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं—रसदार और शुष्क। रसदार फलों में अमरूद, सेब, सन्तरा, आम, अंगूर, अनार, केला आदि प्रमुख हैं। इनसे सुक्रोज तथा शक्कर प्राप्त होते हैं। शुष्क फलों में काजू-बादाम, किशमिश, अखरोट आदि आते हैं। ये सभी हमें पौधों से प्राप्त होते हैं।

(ii) सब्जियाँ विभिन्न प्रकार के पौधों के विभिन्न भागों का सब्जियों के रूप में प्रयोग किया जाता है। आलू, मूली, शलजम, भिण्डी, करेला, फूलगोभी आदि प्रमुख सब्जियाँ तथा पालक, मेथी, सोआ आदि प्रमुख भाग हैं। 

(iii) अनाज अनाज की फसलों में धान, गेहूँ, जौ, बाजरा, मकई आदि मुख्य हैं। इनसे कार्बोहाइड्रेट की प्राप्ति होती है। स्वस्थ रहने के लिए अरहर, मूँग, चना, उड़द, मसूर आदि की दाल से प्रोटीन की प्राप्ति होती है।

(iv) मसाला भोजन को सुपाच्य एवं स्वादिष्ट बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के मसाले हमें पौधों से ही मिलते हैं। कुछ मसालों का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है। इनमें अदरक, हल्दी, सोंठ, प्याज, केसर, लाल मिर्च, लौंग आदि मुख्य हैं। 

(v) पेय पदार्थ चाय, कॉफी, कोको आदि पेय पदार्थ हमें पौधों से ही प्राप्त होते हैं।

2. जन्तु उत्पाद मनुष्य भोजन के लिए पौधों के साथ-साथ जन्तुओं पर भी निर्भर रहता है। जन्तुओं से प्राप्त भोजन में मांस, मछली आदि का प्रमुख स्थान है। भेड़, हिरन, खरगोश, मुर्गा आदि से मांस प्राप्त होता है। मछली का मांस भी एक स्वादिष्ट एवं भोज्य पदार्थ है। मांस के अतिरिक्त जंतुओं से हमें अण्डे भी प्राप्त होते हैं। मांस एवं अण्डों के अतिरिक्त जंतुओं से हमें और भी खाद्य पदार्थ प्राप्त होते हैं।

भोजन के अवयव

भोजन के मुख्य अवयवों का वर्णन इस प्रकार है 

1. वसा वसा के रूप में जो भोजन हम ग्रहण करते हैं उसे हमारा शरीर ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है एवं इसी ऊर्जा के कुछ भाग को वसा के रूप में शरीर में संचित करता है। वसा का कुछ भाग कोशिकाओं के बनने में सहायक होता है तथा संचित वसा शरीर में ऊर्जा बैंक के रूप में कार्य करता है। बहुत-से जंतु अपने शरीर में त्वचा के नीचे वसा को संगृहीत करते है; जैसे-डेल, वालरस आदि।

वसा के स्रोत वसा के प्रमुख स्रोत निम्नलिखित हैं।

(i) वसा, वसीय अम्लों (fatty acids) एवं ग्लिसरॉल (glycerol) से बना यौगिक है। यह कार्बन  (c). इड्रोजन (H) एवं ऑक्सीजन (O) का बना होता है। 

(ii) जंतु बसाएँ अर्द्ध ठोस होती है, जबकि वनस्पति बसाएँ तरल रूप में होती हैं।

(iii) यह कोशिकाद्रव्य, कोशिका कला आदि में मुख्य रूप से पाई जाती है। 

(iv) जंतु बसाएँ अर्द्ध ठोस होती है, जबकि वनस्पति बसाएँ तरल रूप में होती हैं तथा तेल कहलाती हैं। 

(v) बूसा का जल अपघटन लाइपेस एंजाइम द्वारा छोटी आंत्र में होता है।

(vi) वसाएँ ऊर्जा उत्पादन, शरीर के निश्चित ताप को बनाये रखने, कोशिका कला के निर्माण आदि का कार्य करती हैं।

 (vii) इसमें अत्यधिक कैलोरी (ऊर्जा) होती है और ये आवश्यक वसा अम्लों के मुख्य स्रोत हैं। 

(viii) 1 ग्राम वसा के ऑक्सीकरण द्वारा 37 किलो जूल या 5.65 किलो कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। 

(ix) ये जल में अविलेय एवं एसीटोन, बैंजीन, क्लोरोफॉर्म आदि में विलेय होते है।

(x) वसा का जल अपघटन (hydrolysis), लाइपेस एंजाइम द्वारा छोटी आंत्र में होता है। 

(xi), भी, मक्खन, बादाम, पनीर, अण्डा, मांस, सोयाबीन और सभी 

(xi) वनस्पति तेल वसा के मुख्य स्रोत हैं। 

(xix) कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि से हृदय रोग उत्पन्न हो जाते हैं।

2. विटामिन विटामिन एक अति आवश्यक रसायन है जो शरीर में होने वाले चयापचय की क्रियाओं की निरंतरता को बनाए रखता है। यह शरीर की सामान्य वृद्धि एवं विकास के लिए अति आवश्यक है। इसकी आवश्यकता बहुत ही कम मात्रा में होती है एवं शरीर में होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाओं या अन्य वृद्धि संबंधी क्रियाओं के लिए उत्प्रेरक का कार्य करता है। कुछ विटामिन एंजाइमों के कार्य को संपन्न करने में सहायक होते हैं, उन्हें सह एंजाइम कहा जाता है।

विभिन्न प्रकार के विटामिन: जैसे विटामिन A, विटामिन-B, विटामिन-C तथा अन्य अनेक विटामिन आपकी आँखों, हड्डियों, दाँतों, मसूढ़ों एवं साधारण वृद्धि के लिए आवश्यक हैं। भोजन के साथ हम प्रतिदिन विभिन्न विटामिन लेते हैं, क्योंकि ज्यादातर विटामिनों का शरीर के अन्दर निर्माण नहीं कर सकते है। विटामिन के स्रोत है— शाक-सब्जी, अण्डा, दूध, गाजर, नारंगी, मछली- यकृत, हाथ से कुटे धान आदि।

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