UGC net practice set sociology
2.व्यवहार की वह भिन्नता जो किसी प्रकार की शारीरिक हानि अथवा नुकसान नहीं पहुॅचाती, को क्या कहा जाता है?
3. आत्मार्थक भूमिका ग्रहण (रिफ्लैक्सिव रोल-टेकिंग) की अवधारणा किसने दी है?
4. टॉनीज के अनुसार पड़ोस किस प्रकार में आता है?
5. मॉर्गन का नाम किससे सम्बद्ध है?
6. समाजीकरण की प्रक्रिया में चार अवस्थाएँ मौखिक, गुदाजन्य, इडिपस और किशोरावस्था का विभाजन किसकी देन है?
7. मार्क्स की छोटे पूँजीपतियों के प्रति सोच है कि वे है
8.वेबर का स्तरीकरण का सिद्धान्त मार्क्स के सिद्धान्त से भिन्न है क्योंकि मार्क्स ने इसमें एक अतिरिक्त संरचनात्मक वर्ग को जोड़ दिया है
9. "थियोरी ऑफ सोशल स्ट्रक्चर' नामक पुस्तक का लेखक कौन है?
10. पुस्तक 'द मदर्स' का लेखक कौन है?
(a) मार्गरेट। (c) ब्रीफाल्ट
(b) मार्गरेट थैचर (d) किंग्सले डेविस
उत्तर (c) - ब्रीफाल्ट द मदर्स के लेखक है। इन्होंने इस पुस्तक को 1896 में लिखा था स्रोत- समाजशास्त्रीय चिंतक एवं सिद्धतिकार- हरिकृष्णरावत
11. "किसी भूमिका के बिना पद नहीं और बिना पद के भूमिका नहीं होती।" यह कथन किसका है?
(a) आर. के. पटन (c) रॉबर्ट पार्क
(b) एस. एफ. नाडल (d) गल्फ लिंटन
उत्तर (d) "किसी भूमिका के बिना पद नहीं और बिना पद के भूमिका नहीं होती।" यह कथन अमरीकी मानवशास्त्री राल्फ लिंटन का है। लिंटन ने भूमिका के सन्दर्भ में लिखा है कि भूमिका शब्द का प्रयोग किसी विशेष परिस्थिति से सम्बन्धित सांस्कृतिक प्रतिमानों की सम्पूर्णता को दर्शाने के लिए किया जाता है। इस प्रकार हम भूमिका के अन्तर्गत उन प्रवृत्तियों मूल्यों और व्यवहारों को शामिल करते हैं जो किसी विशिष्ट परिस्थितियों से सम्बन्धित व्यक्तियों को समाज द्वारा प्राप्त होता है।
12. स्तरीकरण के व्यावहारिक विश्लेषण का सिद्धांत किसने दिया?
(a) के. डेविस। (c) ई. दुखींम।
(b) जे. पार्सन्स। (d) एम. वेबर।
उत्तर (a) स्तरीकरण के व्यावहारिक विश्लेषण का सिद्धांत के. डेविस ने दिया है। इन्होंने अपनी पुस्तक "सम प्रिंसिपल ऑफ सोशल स्ट्रीटफिकेशन में स्तरीकरण के प्रकार्यात्मक सिद्धान्त का विश्लेषण किया है।
13. प्रत्येक स्तर पर मामलों (कसिस) को उसी अनुपात से लेना चाहिए जिसमें ये विश्व में घटित होते हैं। इसे किस नाम से जाना जाता है?
(a) सरल यादृच्छिक सैम्पलिंग (b) व्यवस्थित सैम्पलिंग
(c) स्तरीकृत यादृच्छिक सैम्पलिंग (d) अनुपातिक स्तरीकृत सैम्पलिंग
उत्तर (d) अनुपातिक स्तरित सैम्पलिंग वह परियोजना है जिसमें शोधकर्ता जीवसंख्या की कुछ साख विशेषता या स्तर को जानकर प्रतिदर्श में व्यक्तियों का चयन भी विशेषता या स्तर के अनुपात में अन्तर करता है।
स्त्रोत- सामाजिक अनुसंधान- ए. आर. एन. श्रीवास्तव
14. समाज का व्यवस्थित अध्ययन करने वाला सर्वप्रथम पश्चिमी विद्वान कौन था ?
(a) प्लेटो (c) थॉमस
(b) सुकरात (d) कॉम्टे
उत्तर (d) समाज का व्यवस्थित अध्ययन करने वाला सर्वप्रथम पश्चिमी विद्वान अगस्ट का था काट के अनुसार प्राकृतिक विज्ञानों की भाँति समाजशास्त्र को भी समाज की मूलभूत नियमों की खोज के लिए आनुभावित विधियों का प्रयोग करना चाहिए ताकि मानवीय दशाओं में सुधार को महती भूमिका अदा करने से| समाजशास्त्र द्वारा मानवता का बड़ा भला होगा।
15. समुदायों में परिवर्तन आते हैं, क्योंकि
(a) समाज गतिशील हैं। (b) समाज क्रान्तिकारी है
(C) समाज परिवर्तन को पसन्द करता है (d) समाज स्थिर
उत्तर (a) समुदायों में परिवर्तन आते है क्योंकि समाज गतिशीलहै। समाज में समंजस और पुर्नसमंजन होता रहता है। सामाजिक संरचना में सदैव परिवर्तन होता रहता है जिससे इसके विभिन्न अंगों में समंजन की आवश्यकता पड़ती रहती है
स्त्रोत- समाजशास्त्र के सिद्धांत - विद्याभूषण और सचदे
16. किसी अनुसन्धान के निर्णयों को दोहराने की योग्य को क्या कहते हैं
(a) वैध्य
(b) विश्वसनी
(c) चमत्कारितायताता?तावाहै।लहै
(d) जवाबदेही
उत्तर (a) - किसी शोध-विधि अथवा पैमाने की वैधता अथवा प्रमाणिकता से तात्पर्य मापे जाने वाले तथ्य की सही-सही माप करने की क्षमता से है पैमाने की प्रमाणिकता के लिए यह आवश्यक है कि वह पैमाना उस वस्तु अथवा घटना की माप करने की क्षमता रखता हो जिसके लिए उसका प्रयोग किया जा रहा है। पैमाने की वैधता की जाँच के लिए तार्किक वैधता विधि, पंचों की राय विधि, परिचित समूह विधि, स्वतंत्र मापदण्ड विधि आदि का प्रयोग किया जाता है। इसीलिए अनुसंधान के निर्णयों को दोहराने की योग्यता को वैधता कहते है।
स्त्रोत- उच्चतर समातर समाजशास्त्र विश्वकोष - हरिकृष्ण रावत