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UGC net practice set sociology

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1. निम्न में से किसने यह कहा है कि एक सामाजिक संस्था | सांस्कृतिक प्रणाली का व्यवहारिक समरूप (कॉन्फिगुरेशन) होता है?
 (a) किम्बाल यंग        (c) गिन्सबर्ग

(b) मैकाइवर              (d) गिलिन

   उत्तर (a) किम्बाल यंग के अनुसार एक सामाजिक संस्था सांस्कृतिक प्रणाली का व्यवहारिक समस्या (Configration) होता है। जिसके द्वारा मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। स्त्रोत- समाजशास्त्र जे. पी. सिंह 

2.व्यवहार की वह भिन्नता जो किसी प्रकार की शारीरिक हानि अथवा नुकसान नहीं पहुॅचाती, को क्या कहा जाता है?


(a) सूक्ष्म भिन्नता (c) भद्र भिन्नता

(b) सामाजिक भिन्नता

(d) कठोर भित्रता

उत्तर (b) - मैक्स वेबर के अनुसार, सामाजिक व्यवहार दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच पाये जाने वाले अर्थपूर्ण सम्पर्क को कहा जाता है। व्यक्ति अपने मानवीय एवं वैयक्तिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सम्पर्क स्थापित करता है तथा अन्तः क्रिया करता है। व्यवहार की वह भिन्नता जो किसी प्रकार की शारीरिक हानि अथवा नुकसान नहीं पहुँचाती है, सामाजिक भिन्नता कहलाता है। स्त्रोत- प्रमुख समाजशास्त्रीय विचारक- दोषी एवं जैन

 3. आत्मार्थक भूमिका ग्रहण (रिफ्लैक्सिव रोल-टेकिंग) की अवधारणा किसने दी है?

(a) आर. के. मर्टन

(c) सी. एच. कूले

(b) आर. लिंटन

(d) जी. एच. मीड

उत्तर (d) - अमेरिका के शिकांगों में वैचारिक परम्परा के एक अग्रणी दार्शनिक और अर्थक्रियावादी जी. एच. मीड़ का समाजशास्त्र के क्षेत्र में एक नवीन परम्परा की आधारशिला रखने का गौरव प्राप्त हैं। मीड द्वारा प्रतिपादित अवधारणा प्रतिक्रियात्मक भूमिका हैं इसके अनुसार जब व्यक्ति परिस्थिति अनुसार अपनी भूमिका बदल लेता है तब उसे आत्मार्थक भूमिका ग्रहण करना कहा। जाता है।

स्त्रोत- उच्चतर समाजशास्त्रीय सिद्धांत- दोषी और त्रिवेदी

4. टॉनीज के अनुसार पड़ोस किस प्रकार में आता है?


(a) समुदाय

(b) प्राथमिक समूह (d) गौण समूह

(c) सामाजिक समूह उत्तर 
(a) जर्मन समाजशास्त्री फर्डिनेण्ड टानीज 'जर्मन समाजशास्त्रीय परिषद के संस्थापक पिता माने जाते है। गैमिनशैफ्ट वर्मन भाषा का एक शब्द है जिसका प्रयोग समाजशास्त्र में समुदाय के अर्थ में किया गया है। इस अवधारणा की रचना सन् 1887 में एफ. टानीज ने अपनी रचना गैमिनशाफ्ट एण्ड गैसेलशैफ्ट में की। टानीज के अनुसार पड़ोस समुदाय के अन्दर आता है।

स्त्रोत- समाजशास्त्रीय चिन्तक एवं सिद्धान्तकार- हरिकृष्ण रावत

5. मॉर्गन का नाम किससे सम्बद्ध है? 

(a) पितृ सिद्धान्त                        (b) मातृ सिद्धान्त
 (c) आदिम स्वरिता (प्रिमिटिव प्रोमिसक्यूटी)    (d) विस्तृत परिवार

उत्तर (c) - लेविस हेनरी मॉर्गन की गणना मानवशास्त्र में प्रारम्भिक मानवशास्त्रियों में की जाती है। मॉर्गन को अमेरिकी सांस्कृतिक क मानवशास्त्र का पिता माना जाता है। मॉर्गन का नाम आदिम स्वैरिता से सम्बन्धित है। मॉर्गन के मतानुसार 'सिव' ही आदिम समाजों में एकमात्र समूह था जिसमें यौन साम्यवाद। यौन स्वतंत्रता का प्रचलन था। इस सिद्धान्त के अनुसार, किसी भी श्री से कोई भी पुरुष यौन सम्बन्ध बना सकता है।

6. समाजीकरण की प्रक्रिया में चार अवस्थाएँ मौखिक, गुदाजन्य, इडिपस और किशोरावस्था का विभाजन किसकी देन है?

(b) जी. एच. मीड

(a) सी. एच. कुले (c) एम. मीड

(d) एस. फ्रायड

उत्तर (d)  मनोविश्लेषणात्मक आन्दोलन के जनक के रूप में विख्यात सिगमंड फ्रायड ने मनोविश्लेषण के जो मूलभूत विचार रखे, वे आज भी इसके विभिन्न रूप-स्वरूप में विद्यमान है। सामाजीकरण की प्रक्रिया में चार अवस्थायें मौखिक, गुदाजन्य, इडिपस और किशोरावस्था का विभाजन एस. फ्रायड की देन है।

7. मार्क्स की छोटे पूँजीपतियों के प्रति सोच है कि वे है


(a) एकीकृत वर्ग (c) संक्रामी वर्ग

(b) अपने ही भीतर वर्ग (d) अपने आप में वर्ग

उत्तर (c) उन्नीसवीं सदी के एक स्वतंत्र विचारक और राजनीतिक आंदोलनकारी कार्ल मार्क्स जर्मनी के एक मूर्धन्य सामाजिक सिद्धान्तकार थे। कार्ल मार्क्स का छोटे पूंजीपतियों के प्रति सोच संक्रामी वर्ग है। मार्क्स के अनुसार छोटे पूंजीपति, बड़े पूँजीपति बनने के लिए प्रयासरत है। परिवर्तन की यह स्थिति ही संक्रमण काल की स्थिति है। मार्क्स ने सभी प्रकार के परिवर्तनों का मूल सूत्र द्वन्द्वात्मक प्रणाली को माना है।

8.वेबर का स्तरीकरण का सिद्धान्त मार्क्स के सिद्धान्त से भिन्न है क्योंकि मार्क्स ने इसमें एक अतिरिक्त संरचनात्मक वर्ग को जोड़ दिया है

(a) वर्ग                     (c) स्थिति (स्टेटस) समूह 
(d) बौद्धिक समूह.       (b) सम्पदा

उत्तर (c) मार्क्स वैज्ञानिक साम्यवाद के जनक थे। वेबर का स्तरीकरण का सिद्धान्त मार्क्स के सिद्धान्त से भिन्न है क्योंकि मार्क्स ने इसमें एक अतिरिक्त संरचनात्मक वर्ग स्थिति (स्टेट्स) समूह को जोड़ दिया था।

9. "थियोरी ऑफ सोशल स्ट्रक्चर' नामक पुस्तक का लेखक कौन है?


(a) एस.एफ. नाडेल

(c) टी. पार्सन्स

(b) आर. के. मर्टन

(d) लेवी- स्ट्रास

उत्तर (a) – The theory of social structure (1957) सिंगफ्रायड फ्रेडरिक नाडेल द्वारा लिखित पुस्तक है ।

 10. पुस्तक 'द मदर्स' का लेखक कौन है?

(a) मार्गरेट।         (c) ब्रीफाल्ट

(b) मार्गरेट थैचर   (d) किंग्सले डेविस

उत्तर (c) - ब्रीफाल्ट द मदर्स के लेखक है। इन्होंने इस पुस्तक को 1896 में लिखा था स्रोत- समाजशास्त्रीय चिंतक एवं सिद्धतिकार- हरिकृष्णरावत 

11. "किसी भूमिका के बिना पद नहीं और बिना पद के भूमिका नहीं होती।" यह कथन किसका है?

(a) आर. के. पटन   (c) रॉबर्ट पार्क

(b) एस. एफ. नाडल (d) गल्फ लिंटन

उत्तर (d) "किसी भूमिका के बिना पद नहीं और बिना पद के भूमिका नहीं होती।" यह कथन अमरीकी मानवशास्त्री राल्फ लिंटन का है। लिंटन ने भूमिका के सन्दर्भ में लिखा है कि भूमिका शब्द का प्रयोग किसी विशेष परिस्थिति से सम्बन्धित सांस्कृतिक प्रतिमानों की सम्पूर्णता को दर्शाने के लिए किया जाता है। इस प्रकार हम भूमिका के अन्तर्गत उन प्रवृत्तियों मूल्यों और व्यवहारों को शामिल करते हैं जो किसी विशिष्ट परिस्थितियों से सम्बन्धित व्यक्तियों को समाज द्वारा प्राप्त होता है।

12. स्तरीकरण के व्यावहारिक विश्लेषण का सिद्धांत किसने दिया?

 (a) के. डेविस।     (c) ई. दुखींम। 

(b) जे. पार्सन्स।    (d) एम. वेबर। 

उत्तर (a) स्तरीकरण के व्यावहारिक विश्लेषण का सिद्धांत के. डेविस ने दिया है। इन्होंने अपनी पुस्तक "सम प्रिंसिपल ऑफ सोशल स्ट्रीटफिकेशन में स्तरीकरण के प्रकार्यात्मक सिद्धान्त का विश्लेषण किया है।

13. प्रत्येक स्तर पर मामलों (कसिस) को उसी अनुपात से लेना चाहिए जिसमें ये विश्व में घटित होते हैं। इसे किस नाम से जाना जाता है?

(a) सरल यादृच्छिक सैम्पलिंग (b) व्यवस्थित सैम्पलिंग

(c) स्तरीकृत यादृच्छिक सैम्पलिंग (d) अनुपातिक स्तरीकृत सैम्पलिंग

 उत्तर (d) अनुपातिक स्तरित सैम्पलिंग वह परियोजना है जिसमें शोधकर्ता जीवसंख्या की कुछ साख विशेषता या स्तर को जानकर प्रतिदर्श में व्यक्तियों का चयन भी विशेषता या स्तर के अनुपात में अन्तर करता है।

स्त्रोत- सामाजिक अनुसंधान- ए. आर. एन. श्रीवास्तव 

14. समाज का व्यवस्थित अध्ययन करने वाला सर्वप्रथम पश्चिमी विद्वान कौन था ?

(a) प्लेटो        (c) थॉमस

(b) सुकरात    (d) कॉम्टे

उत्तर (d) समाज का व्यवस्थित अध्ययन करने वाला सर्वप्रथम पश्चिमी विद्वान अगस्ट का था काट के अनुसार प्राकृतिक विज्ञानों की भाँति समाजशास्त्र को भी समाज की मूलभूत नियमों की खोज के लिए आनुभावित विधियों का प्रयोग करना चाहिए ताकि मानवीय दशाओं में सुधार को महती भूमिका अदा करने से| समाजशास्त्र द्वारा मानवता का बड़ा भला होगा। 

15. समुदायों में परिवर्तन आते हैं, क्योंकि

(a) समाज गतिशील हैं।   (b) समाज क्रान्तिकारी है

(C) समाज परिवर्तन को पसन्द करता है (d) समाज स्थिर 

उत्तर (a) समुदायों में परिवर्तन आते है क्योंकि समाज गतिशीलहै। समाज में समंजस और पुर्नसमंजन होता रहता है। सामाजिक संरचना में सदैव परिवर्तन होता रहता है जिससे इसके विभिन्न अंगों में समंजन की आवश्यकता पड़ती रहती है

स्त्रोत- समाजशास्त्र के सिद्धांत - विद्याभूषण और सचदे

16. किसी अनुसन्धान के निर्णयों को दोहराने की योग्य को क्या कहते हैं

(a) वैध्य

(b) विश्वसनी

(c) चमत्कारितायताता?तावाहै।लहै

(d) जवाबदेही

उत्तर (a) - किसी शोध-विधि अथवा पैमाने की वैधता अथवा प्रमाणिकता से तात्पर्य मापे जाने वाले तथ्य की सही-सही माप करने की क्षमता से है पैमाने की प्रमाणिकता के लिए यह आवश्यक है कि वह पैमाना उस वस्तु अथवा घटना की माप करने की क्षमता रखता हो जिसके लिए उसका प्रयोग किया जा रहा है। पैमाने की वैधता की जाँच के लिए तार्किक वैधता विधि, पंचों की राय विधि, परिचित समूह विधि, स्वतंत्र मापदण्ड विधि आदि का प्रयोग किया जाता है। इसीलिए अनुसंधान के निर्णयों को दोहराने की योग्यता को वैधता कहते है।

 स्त्रोत- उच्चतर समातर समाजशास्त्र विश्वकोष - हरिकृष्ण रावत

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