ऑनलाइन सीखने का चलन
डाल के दिनों में चित्रकला, स्टोरी टेनोटरी जैसी अलग विधाओं के को ऑनलंडर क्लासेस से बच्चों ने घर बैठेबहुत है। दिल्ली की कथक पुरी का कहना है कि जब वह अपने स्कूल में कक्षाएं लेती थी तो शहर के ही बच्चे सीखने आते थे लेकिन ऑनलाइन शुरू करने के बाद से दक्षिण भारत के करल कर्नाटक जैसे राज्यों के अलावा विदेशों से भी बच्ची ने कथक सीखने में रूचि दिखाई। योग गुरु आर्या पेंटर स्वाति सिंह के अनुभव भी मिलते-जुलते रहे हैं। उन्होंने कक्षाओं के जरिये बच्चों को न सिर्फ अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए प्रेरित किया बल्कि उनके भीतर छिपी प्रतिभा को पहचानने में सहयोगी बने।
दादी और मां से पंजाबी लोक कथाएं तथा हिंदी को पौराणिक कहानियां, जातक कथाएं आदि सुनना बहुत पसंद है। स्कूल बंद होने के बाद उन्होंने तय किया कि कुछ नया करना चाहिए। ऑनलाइन स्टोरी टेलिंग के बारे में सुन रखा था. लिहाजा उसे ही आजमाने का फैसला किया। किताबों तथा अन्य स्रोतों से कहानियों का चयन किया और फिर उन्हें अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करती गई। इससे न सिर्फ उनकी अलग पहचान बनी, मल्लिक भाषा पर पकड़ भी मजबूत हुई। एक नया आत्मविश्वास आया जश्नामह की माँ अमनप्रीत कहती हैं, "बर्च अपने माता-पिता को देखकर ही बहुत कुछ सीख जाते हैं। वे कई मायनों में उन्हें फॉलो भी करते हैं। में समूहों के बीच पंजाबों में कहानियां सुनाती हूँ। जश्नामह को यह अच्छा लगता था, लेकिन पढ़ाई के बाद उसका ज्यादा समय वीडियो गेम खेलने या इंटरनेट सर्फिंग में बीतता था। एक दिन उसने खुद फैसला किया कि वह इंटरनेट पर समय बर्बाद करने की जगह अपने शौक को निखारेगी। आज पंजाबी के साथ अंग्रेजी और हिंदी में भी स्टोरी टेलिंग कर रही है। कहने का आशय यह कि मौजूदा समय में हम बच्चों को इंटरनेट और टेक्नोलॉजी मे से दूर नहीं रख सकते हैं। कई बार बच्चे माता-पिता से कहीं अधिक टेक्नोलॉजी को अनुकूल पाते हैं। इसलिए जरूरी यह है कि उन्हें इसके सार्थक इस्तेमाल का तरीका बताया जाए।"
कई इंटरनेट और टेक्नोलॉजी भव व्यस्त रखने के लिए बच्चों को फोन मा देते हैं, लेकिन उनकी निगरानी नहीं करते हैं।
हुनर से बनाई पहचान
'दीया और जीया' न सिर्फ हिंदी में भक्ति के गीत गाती हैं, बल्कि अपनी मातृभाषा मैथिली में भी उन्होंने अनेक गाने गाए हैं। उनका अपना यूटयूब चैनल है। सोशल मीडिया पर फालोअर्स की संख्या दिनो-दिन बढ़ रही है। लोगों से प्रशंसा मिल रही है,सो अलग। इसके बावजूद दोनों बहनों का पूरा ध्यान पढ़ाई के साथ-साथ अपने संगीत पर रहता है। वे