कोरोना गर्भ में बच्चों का विकास रोक रहा
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने अध्ययन के बाद किया दावा
06 % अधिक विकास दर की देरी में जोखिम था गर्भावस्था के दौरान
बोस्टन, एजेंसी। कोरोना को लेकर अमेरिकी शोधकर्ताओं ने अपने नए अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा किया है। शोध के मुताबिक, यदि किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान कोरोना होता है तो उस महिला के शिशु के विकास में देरी का जोखिम दोगुना हो जाता है। हाल ही में यह शोध 'जामा नेटवर्क ओपन जर्नल' में प्रकाशित किया गया है।
शोध के निष्कर्ष में बताया गया कि यह जोखिम उन बच्चों में छह प्रतिशत तक अधिक था, जिनकी माताएं गर्भावस्था के दौरान कोरोना पीड़ित हुईं। वहीं, उन महिलाओं में जिनमें शुरुआती समय जब में गर्भावस्था जाहिर नहीं होती तो ऐसे -समय में शिशुओं की विकास दर में देरी का जोखिम तीन प्रतिशत था।
दीर्घकालिक प्रभाव देखा गया: शोध के दौरान मैसाचुसेट्स के अस्पतालों में 7,000 से अधिक गर्भवती महिलाओं के इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड का अध्ययन किया गया, जिनमें 222 ऐसी गर्भवती महिलाएं शामिल थी, जिन्हें कोरोना हो गया था। शोधकर्ताओं ने बताया कि कोरोना से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के बच्चों पर महामारी का दीर्घकालिक प्रभाव देखा गया।
टीकाकरण से जोखिम कम मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल' में
'सेंटर फॉर क्वाटिटेटिव हेल्थ' के निदेशक रॉय पर्लिस ने कहा, शोध में शामिल महिलाओं के बच्चों की डिलीवरी के बाद 18 महीने से लेकर दो साल तक निगरानी की गई। जिसमें पाया गया कि कोरोना पीड़ित जिन महिलाओं ने गर्भावस्था के दौरान कोविड टीका लगवाया उनमें बच्चों के विकास में देरी का जोखिम कम था।