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लघु उद्यमियों की ऑनलाइन जनगणना करने वाला MSME डाटा

 लघु उद्यमियों की ऑनलाइन जनगणना करने वाला MSME डाटा 

समंक (Data) आधुनिक युग में प्रारंभ से नियोजन व वर्तमान से भविष्‍य की प्रवृत्ति तक अपनी अद्वितीय भूमिका निभाते हैं। जिस स्‍थान पर क्षेत्र विशेष से संबंधित आंकड़े होते हैं, उसे डाटा बैंक कहते हैं। ऐसा ही एक डाटा बैंक एमएसएमई के लिए तैयार किया गया है, जिसे एमएसएमई डाटा बैंक (MSME DATA BANK) कहा जाता है।

भारत सरकार के सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय के विकास आयुक्‍त (एमएसएमई) कार्यालय ने इसे तैयार किया है। इस डाटा बैंक का उद्घाटन अरूण जेटली द्वारा किया गया था। यह भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना से प्रारंभ हो गया है। इसे www.msmedatabank.in पर देखा जा सकता है तथा पंजीकरण भी करवाया जा सकता है। 

यह डाटा बैंक सुशासन के सिद्धान्‍त पर आधारित है ताकि कम-से-कम औपचारिकताएं हो और वातावरण को व्यवसाय सुगम बनाया जा सके। देश के इतिहास में पहली बार एमएसएमई की गणना इस वेब पोर्टल द्वारा की जा सकेगी। इस डाटा बैंक का प्रमुख उद्दश्‍य एक ऐसा एकल स्रोत विकसित करना है, जहां संपूर्ण देश के एमएसएमई की सूचनाएं संकलित हो तथा जिसमें उनकी साख, तकनीकी आवश्‍यकता, कच्‍चे माल व मार्केटिंग की जानकारी हो।

24 घंटे उपलब्‍ध रहने वाला बैंक
एमएसएमई डाटा बैंक में पंजीकरण करना नि:शुल्‍क एवं बेहद आसान है। यह आधार व उद्योग आधार से लिंक है तथा चौबीस घंटे यह सुविधा उपलब्‍ध है। एमएसएमई डाटा बैंक प्रथम डिजिटल अवसंरचना है, जो एमएसएमई के डाटा पर है।

एमएसएमई डाटा बैंक उद्यमियों, समितियों और विकास संस्‍थानों आदि के लिए समान रूप से उपयोगी है। इससे एमएसएमई को कई तरह से लाभ है-

उत्‍पादों के मैपिंग- देश के विभिन्‍न हिस्‍से तथा कुछ हिस्‍से उत्‍पाद विशेषों के लिए विशेषीकृत हो गए हैं। देश में बड़े व छोटे कलस्‍टर फैले हुए हैं, जो सामान्‍य सुविधाओं व बाह्य मित व्‍ययिताओं का लाभ ले रहे हैं किंतु बहुत से क्षेत्रों में इस प्रकार के कलस्‍टर विकसित भी किए जा सकते हैं। एमएसएमई डाटा बैंक में उत्‍पादों का संकलित विवरण होगा। जिसके आधार पर उत्‍पादों की मैंपिंग की जा सकती है।
नीति‍ निर्माण में सहायक- एमएसएमई से संबंधित किसी भी नीतिगत मामले में एमएसएमई डाटा बैंक बेहद लाभकारी होगा। यहां एक ही स्रोत पर एमएसएमई से संबंधित सभी आंकडे़ं उपलब्‍ध होंगे जो नीति निर्माण में दिशा प्रदान कर सकते हैं।
पब्लिक प्रोक्‍योरमेंट- प्रत्‍येक इकाई हेतू उत्‍पादों की बिक्री महत्‍वपर्ण होती है। एमएसएमई डाटा बैंक में पंजीकृत इकाईयों के उत्‍पादक और उनके कच्‍चे माल की जानकारी तथा खरीददारों की जानकारी उपलब्‍ध रहेगी। जिससे पब्लिक प्रोक्‍योरमेंट के तहत लाभ मिल पाएगा। सार्वजनिक उपक्रम इस डाटा बैंक के ज़रिये विभिन्‍न उत्‍पादों का स्रोतों की जानकारी प्राप्‍त कर सकेंगे।
सरकारी योजनाओं का सुलभ लाभ- एमएसएमई डाटा बैंक में पंजीकृत इकाईयों को सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय की ओर से संचालित विविध योजनाओं का लाभ लेना सरल हो जाएगा। 
रजिस्‍ट्रेशन प्रक्रिया
रजिस्‍ट्रेशन अत्‍यंत सरल व नि:शुल्‍क है। यह ऑनलाइन www.msmedatabank.in पर जाकर कोई भी एमएसएमई इकाई, एमएसएमई विकास संस्‍थान तथा एमएसएमई समितियां अपना रजिस्‍ट्रेशन कर अपना विवरण दे सकती हैं।

एमएसएमई इकाईयों का रजिस्‍ट्रेशन
इकाइयों को अपनी जानकारी ऑनलाइन भरनी होती है, जैसे-

मूलभूत जानकारी- इसके तहत इकाई को अपना आधार नंबर, मोबाइल नंबर, उद्योग आधार नंबर और पैन आदि भरा जाता है। जो इकाईयां उद्योग आधार के अंतर्गत रजिस्‍टर्ड हैं, तो उनके कई विवरण स्‍वत: भर जाते हैं। जैसे- उद्यम का नाम, इकाई का प्रकार, संगठन का प्रकार, मुख्‍य गतिविधि, राज्‍य, ज़िला और उद्यम आरंभ की तिथि आदि।
संयत्र व उत्‍पादों का विवरण- जो उद्यम उत्‍पादन के क्षेत्र में संलग्‍न हैं, उन्‍हें अपने उद्यम का पता, नियोजित व्‍यक्ति, उत्‍पादन क्षमता मशीनों व प्‍लांट में निवेश, प्रयुक्‍त कच्‍चा माल, प्रमुख खरीददार और पिछले वर्ष का टर्नओवर आदि विवरण देना होता है। सेवा क्षेत्र के उद्यमों को सेवा से संबंधित जानकारी देनी पड़ती है। यह सब विवरण उद्यमों की संपूर्ण उत्‍पादन प्रक्रिया से लेकर मार्केटिंग तक के होते हैं।
अन्‍य विवरणों में उद्यम बैंक की जानकारी, अन्‍य सुविधाएं यदि कोई हो तो इसका विवरण होता है।

एमएसएमई विकास संस्‍थानों का पंजीकरण
समान वेबसाइट पर ही एमएसएमई विकास संस्‍थानों के पंजीकरण की भी सुविधा है। यहां जो विवरण उन्‍हें भरने होते हैं, उनमें विकास संस्‍थानों का नाम, पैन नंबर, भौगोलिक दायरा, पता व संपर्क की जानकारी एवं संपर्क सूत्र आदि का विवरण होता है।

समितियों के लिए पंजीकरण
देश भर में कई ऐसी एमएसएमई समितियां हैं, जो एमएसएमई के लिए सामूहिक रूप से कार्य कर रही हैं। इनके पास अपने सदस्‍यों की जानकारी होती है। इन समितियों को पंजीकरण करवाते समय कई जानकारी देनी होती है।

जैसे- समिति का नाम, पंजीकरण संख्‍या, स्‍थापना वर्ष, ई-मेल, वेबसाइट, समितियों के पास रजिस्‍टर, सूक्ष्‍म इकाईयां, लघु इकाईयां, मध्‍यम इकाईयां, एस.सी. इकाईयां, एस.टी. इकाईयां, महिला इकाईयां, संपर्क व्‍यक्ति व संपर्क सूत्र आदि का विवरण।

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